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*चुटकुला*
अमित शाह भाषण दे रहे थे। उसमें उन्होंने एक कहानी सुनाई:
*एक व्यक्ति के तीन बेटे थे, उसने तीनों को 100-100 रूपए दिए और ऐसी वस्तु लाने को कहा, जिससे कमरा पूरी तरह भर जाये।*
पहला पुत्र 100 रूपए की घास लाया, पर उससे पूरी तरह कमरा नहीं भरा।
दूसरा पुत्र 100 रूपए की कपास लाया, उससे भी कमरा पूरी तरह नहीँ भरा।
तीसरा पुत्र 1 रूपए की मोमबती लाया और उससे पूरा कमरा प्रकाशित हो गया।
आगे अमित शाह ने कहा :
*हमारे प्रधानमंत्री, उस तीसरे पुत्र की तरह हैं, जिस दिन से राजनीति में आये हैं, उसी दिन से हमारा देश उज्जवल प्रकाश और समृद्धि से जगमगा रहा है।*
तभी पीछे से किसी आदमी की आवाज आई :
*भाई साहब ! वो सब तो ठीक है, लेकिन बाकी के 99 रूपए कहाँ है ?*
🤗🤗
अमित शाह ने कहा -
*मारो इस देश द्रोही को, जो सवाल करता है।*
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